अगर मूंगफली खाते ही बच्चों में दिखें ये 7 लक्षण, तो हो सकती है पीनट एलेर्जी

अगर मूंगफली खाते ही बच्चों में दिखें ये 7 लक्षण, तो हो सकती है पीनट एलेर्जी

सेहतराग टीम

हम ट्रेन में सफर करते हैं या फिर बस में बैठ कर कहीं जाते हैं तो अक्सर समय काटने के लिए हम मूंगफली खाते रहते हैं। इसलिए तो इसे टाइम पास भी कहा जाता है। इसे हर कोई पंसद भी करता है। लेकिन क्या आपको पता है कि यह कई लोगों के लिए नुकसानदायक भी होता है। जी हां कई लोगों को इससे एलर्जी होती है जिसकी वजह इसे खाने के बाद उन्हें कई तरह की परेशानियां झेलनी पड़ जाती हैं। वैसे ये परेशानियां बहुत गंभीर नहीं होती हैं इसलिए इस पर कोई ध्यान नहीं देता है। इस प्रकार के एलर्जी को आमतौर पर पीनट एलर्जी कहा जाता है, जो एलर्जी के समान लक्षणों वाली होती है। इस एलर्जी की वजह से छोटे बच्चों को डायरिया, त्वचा में खुजली, चकते व सूजन हो सकती है। यह वैसे सामान्य होते हैं लेकिन कई स्थितियों में ये गंभीर रुप भी धारण कर लेता है। तो आइए जानते हैं कि क्या है ये पीनट एलर्जी और इसके लक्षण?

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क्या है पीनट एलर्जी

एक शोध में बताया गया है कि इंसान में एलर्जी का संबंध उनमें रोगों से लड़ने की क्षमता अर्थात रोग प्रतिरोधक क्षमता से होता है। असल में उनकी एलर्जी का कारण मूंगफली में पाया जाने वाला प्रोटीन एंटीजेन होता है। यह इसलिए क्योंकि कई लोगों में इस प्रकार के प्रोटीन को लेकर उनका शरीर थोड़ा सेंसिटिव होता है और कई बार यह प्रतिरक्षा तंत्र को जागृत करने का काम करता है, जिसके बाद लोगों में एलर्जी के कुछ संकेत दिखाई देने लगते हैं। यह लक्षण कई प्रकार के होते हैं जैसे जीभ में खुजली, मुंह का लाल हो जाना, पूरे शरीर में खुजली और पेट खराब हो जाना इत्यादि। इन सब के अलावा आपको एक्जिमा है तो आपको एलर्जी होने की संभावना भी हो सकती है।

पीनट एलर्जी के लक्षण क्या हैं?

आपके पास मूंगफली की एलर्जी है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि आपको अन्य नट या फलियों के साथ यही समस्या होने की भी संभावना हो। दरअसल मूंगफली भूमिगत बढ़ती है और बादाम, काजू, अखरोट और अन्य पेड़ नट से भिन्न होती है। लेकिन हाल के अध्ययनों में पाया गया कि जिन लोगों को मूंगफली एलर्जी है उनमें से 25% से 40% लोगों को पेड़ के नट से भी एलर्जी है। वहीं इसके कारणों को जानने के लिए एलर्जी होने के प्रोसेस को भी जानना जरूरी है। दरअसल प्रतिरक्षा तंत्र आईजीई एंटीबॉडीज बनाता है। यूं तो कुल 5 प्रकार के एंटीबॉडीज होते हैं, लेकिन आईजीई को एलर्जी के लिए जिम्मेदार माना जाता है। ये आईजीई एंटीबॉडीज मास्ट सेल्स या बासोफिल्स (इम्युन सेल्स) के साथ मिलते हैं और उनको संवेदनशील बना देते हैं। इस प्रकार अगली बार जब वह व्यक्ति मूंगफली खाता है तो मास्ट सेल्स या बासोफिल्स बड़ी मात्रा में उत्तेजक रिलीज करती हैं। जिसके कारण शरीर में विभिन्न प्रकार के लक्षण नजर आ सकते हैं।

  • गले में कसाव या अटका हुआ सा महसूस करना
  • सांस की तकलीफ या घरघराहट
  • त्वचा की प्रतिक्रिया जैसे कि पित्ती या रेडनेस
  • मुंह या गले में झुनझुनी या खुजली
  • दस्त, मतली, पेट में ऐंठन या उल्टी
  • बहती हुई नाक
  • खुजली इत्यादि।

बचाव और इलाज का तरीका

साइंस जर्नल द लानसेट में प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया है कि बच्चो में ऑरल इम्युनोथेरेपी एक सीमा तक ही असर करती है। वहीं कुछ शोध ये भी बताते हैं कि कैसे इससे बार-बार अटैक करने की आशंका बढ़ जाती है। तो सबसे अच्छा तरीकी ये है सबसे पहले आप अपनी एलर्जी टेस्ट करवाएं और फिर उस चीज से बच कर रहें। अगर आपको मूंगफली इंफेक्शन है तो इससे खाने को बते। वहीं मूंगफली की एलर्जी के लिए डॉक्टर एपिनेफ्रीन से इलाज करने की सलाह देते हैं, जो इसे शांत कर सकता है। वहीं बाजार में कई ऐसे डिवाइसेस उपलब्ध हैं, जिनसे मरीज एपिनेफ्रीन का इंजेक्शन खुद भी लगा सकते हैं। हालांकि इसके बाद भी मरीज को अस्पताल ले जाने की सलाह दी जाती है, ताकि जरूरत पड़ने पर और इलाज किया जा सके।

 

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